केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से महाबीएमएस योजना 2025 (Mahabms Yojana 2025) की घोषणा की है। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा, तकनीकी सहायता और बाजार संपर्क प्रदान करके भारतीय कृषि को नया आयाम देने का वादा करती है। इस लेख में, हम योजना के हर पहलू को विस्तार से समझाएंगे।
महाबीएमएस योजना 2025 के प्रमुख उद्देश्य
- किसान आय में वृद्धि: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से वित्तीय सहायता।
- आधुनिक कृषि को बढ़ावा: ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिंचाई और उन्नत बीजों पर सब्सिडी।
- फसल सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं के मामले में बीमा कवरेज।
- बाजार संपर्क: ई-मंडी प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करना।
पात्रता मानदंड
- निवास: आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- भूमि स्वामित्व: किसान के पास 0.5 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
- आयु सीमा: 18 से 65 वर्ष के बीच।
- परिवार आय: वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए (SC/ST/OBC के लिए छूट)।
लाभार्थियों को मिलने वाले प्रमुख लाभ
✅ वित्तीय सहायता: प्रति वर्ष ₹12,000 प्रति हेक्टेयर की सीधी राशि।
✅ सब्सिडी: कृषि उपकरणों पर 75% तक की छूट।
✅ मुफ्त प्रशिक्षण: कृषि विशेषज्ञों द्वारा जैविक खेती और जल प्रबंधन पर वर्कशॉप।
✅ बीमा योजना: फसल क्षति पर ₹2 लाख तक का कवर।
आवेदन प्रक्रिया: चरण-दर-चरण मार्गदर्शन
- ऑफिशियल वेबसाइट: agriculture.gov.in/mahabms पर जाएँ।
- रजिस्ट्रेशन: मोबाइल नंबर और आधार से लॉगिन करें।
- फॉर्म भरें: भूमि दस्तावेज़, बैंक खाता विवरण और पहचान प्रमाण अपलोड करें।
- सबमिट करें: आवेदन संख्या नोट करें और स्टेटस चेक करें।
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि रिकॉर्ड (खसरा/खतौनी)
- बैंक पासबुक
- मोबाइल नंबर लिंक आधार
- पासपोर्ट साइज फोटो
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या बटाईदार किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं?
हाँ, लीज एग्रीमेंट और भूमि मालिक का अनापत्ति प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य है।
Q2. आवेदन स्थिति कैसे चेक करें?
ऑफिशियल पोर्टल पर “Track Application” सेक्शन में आवेदन संख्या डालें।
Q3. योजना का हेल्पलाइन नंबर क्या है?
किसान कॉल सेंटर: 1800-180-1551 (24×7 उपलब्ध)।
निष्कर्ष
महाबीएमएस योजना 2025 भारत के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक वरदान है। इसका उद्देश्य न सिर्फ कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। सरकार के अनुसार, इस योजना से 2025 तक 5 करोड़ से अधिक किसान जुड़ेंगे। योजना की अधिकृत जानकारी के लिए कृषि मंत्रालय की वेबसाइट नियमित रूप से चेक करें।