Food Security Scheme New Update 2025 खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं वितरण में राजस्थान को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में भंडारण क्षमता की कमी और राज्य सरकार द्वारा जून-जुलाई का गेहूं एक साथ आवंटित करने के कारण जयपुर सहित पूरे प्रदेश में राशन डीलरों के लिए अनाज का उठाव संकट बन चुका है। आज इस लेख में हम आपको इस खाद्य भंडारण में कमी के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
⚠️ संकट के मुख्य कारण:
- दोहरा महीने का आवंटन: जून और जुलाई का गेहूं एक साथ जारी किया गया।
- FCI गोदामों में जगह की कमी: गोदाम पहले ही पूरी क्षमता से भरे हुए हैं।
- 15 जून की डेडलाइन: शेष गेहूं को आगामी 15 जून तक उठाना अनिवार्य है।
📊 जयपुर जिले की स्थिति: आंकड़ों में
पैरामीटर | जून 2024 | जुलाई 2024 | कुल |
---|---|---|---|
आवंटन | 14,828 MT | 14,483 MT | 29,311 MT |
उठाव | 13,264 MT (89.4%) | 2,852 MT (19.7%) | 16,116 MT (55%) |
शेष उठाव (15 जून तक) | – | 11,631 MT | 11,631 MT |
MT = मीट्रिक टन | स्रोत: रसद विभाग, राजस्थान
🔥 राशन डीलरों की दोहरी मार: भंडारण + बारिश का खतरा
राशन डीलर आमतौर पर छोटे किराए के गोदामों या दुकानों में ही अनाज रखते हैं। दो महीने का गेहूं एक साथ मिलने से उनकी प्रमुख समस्याएं हैं:
- भंडारण संकट:
“हमारे पास इतने बड़े स्टॉक को स्टोर करने की जगह नहीं है। एक महीने का कोटा भी हमें किराए के गोदाम में रखना पड़ता है,” – रामकिशन शर्मा, जयपुर के राशन डीलर। - बारिश का जोखिम:
आगामी मानसून में गेहूं के खराब होने का सीधा खतरा। नमी से अनाज में फफूंद या सड़न की आशंका। - वित्तीय बोझ:
अतिरिक्त गोदाम किराए पर लेना और सुरक्षा उपाय करना डीलरों की लागत बढ़ा रहा है।
📉 पूरे राजस्थान में चिंताजनक स्थिति
राज्य स्तर पर उठाव की स्थिति और भी खराब है:
- कुल आवंटन: 2,09,289 मीट्रिक टन
- अब तक उठाव: केवल 46,888 MT (कुल का 23%)
- 15 जून तक उठाव लक्ष्य: 1,62,401 MT (शेष 77%)
रसद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:
“7 दिनों में इतना बड़ा उठाव व्यावहारिक रूप से असंभव के करीब है। FCI गोदाम भरे हैं, ट्रांसपोर्ट की कमी है, और डीलरों के पास जगह नहीं।”
🛠️ संभावित समाधान क्या हैं?
- अस्थायी भंडारण व्यवस्था:
सरकार द्वारा खाली सरकारी भवनों या टेंट लगाकर अतिरिक्त स्टोरेज स्पेस बनाना। - डेडलाइन बढ़ाना:
जुलाई के गेहूं के उठाव की अंतिम तिथि को जुलाई के अंत तक बढ़ाना। - FCI गोदामों का उपयोग:
केंद्र सरकार से FCI भंडारण में राज्य के गेहूं को रखने की अनुमति मांगना। - डीलर्स को तत्काल राहत:
अतिरिक्त भंडारण लागत के लिए वित्तीय सहायता या सब्सिडी।
🔮 भविष्य की चुनौतियाँ:
- मानसून का समय: बारिश शुरू होते ही गेहूं उठाव और भंडारण दोनों बाधित होंगे।
- खाद्य सुरक्षा प्रभावित होने का जोखिम: यदि समय पर गेहूं वितरण नहीं हुआ, तो गरीब परिवारों को राशन मिलने में देरी होगी।
📢 जनता के लिए सलाह:
- राशन कार्ड धारक अपना जुलाई का कोटा तुरंत न लें जब तक डीलर सक्षम न हो।
- यदि राशन न मिले तो टोल-फ्री हेल्पलाइन 1967 पर शिकायत दर्ज कराएँ।
नोट: यह संकट खाद्य सुरक्षा प्रबंधन में समन्वय की कमी को उजागर करता है। केंद्र-राज्य साझेदारी से ही ऐसी स्थितियों का टिकाऊ समाधान संभव है।